THE BASIC PRINCIPLES OF SIDH KUNJIKA

The Basic Principles Of sidh kunjika

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सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धिं कुरुष्व मे ॥ १३ ॥

हुं हुं हुङ्काररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी ।

किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।

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येन मन्त्रप्रभावेण click here चण्डीजापः शुभो भवेत् ॥ १ ॥

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

विच्चे चा ऽभयदा नित्यं, नमस्ते मन्त्ररूपिणि।।

This Mantra holds wonderful significance On the subject of attaining a blissful mental point out and spiritual progress. 

गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः ॥ ११ ॥

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